पूर्णम् सतान्यै परिपूर्ण रुपम्।
गूरुर्वै सतान्यम् दीर्घो वतान्यम्।।
आवर्विताम् पूर्ण मदैव पुण्यम्।
गुरुर्वै शरण्यम् गूरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
न जानामी योगम न जानामी ध्यानम्।
न मन्त्रम् न तन्त्रम् योगम् कृयान्वै।।
न जानामी पुर्णम् न देहम न पूर्वम।
गुरुर्वै शरण्यम् गूरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
अनाथो दरिद्रो जरा रोग युक्तो।
माहाक्षिण दीनम् सदा ज्याड्य वक्त्र:।।
विपत्ती प्रविष्टम् सदाह्म् भजामी।
गुरुर्वै शरण्यम् गूरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
त्वम् मातृ रुपम् पितृ स्वरुपम्।
आत्म स्वरुपम् प्राण स्वरुपम्।।
चैतन्य रुपम् देव दिवन्त्रम्।
गूरुर्वै शरण्यम् गूरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
त्वम् नाथ पूर्णम् त्वम् देव पुर्णम्।
आत्मम् च पूर्णम् ज्ञानम् च पूर्णम्।।
अहम् त्वाम् प्रपध्ये सदह्म् भजामी।
गूरुर्वै शरण्यम् गूरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
मम अश्रु अर्घ्यम् पुष्पम् प्रसुनम्।
देहम् च पुष्पम् शरणम् त्वमेवम्।।
जीवो$वदाम् पूर्ण मदैव रुपम्।
गूरुर्वै शरण्यम् गूरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
आवाहयामि आवाहयामि।
शरण्यम् शरण्यम् सदाह्म् शरण्यम्।।
त्वम् नाथ मेवम् प्रपध्ये प्रशन्नम्।
गूरुर्वै शरण्यम् गूरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
न तातो न माता न बन्धुर्न भ्राता।
न पुत्रो न पुत्री न भृत्योर्न भर्ता।।
न जाया न वित्तम न वृत्तिर्ममेवम्।
गूरुर्वै शरण्यम् गूरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
आवध्य रुपम् अश्रु प्रवाहम्।
धीयाम् प्रपध्ये हृदयम् वदान्यै।।
देह त्वमेवम् शरण्यम् त्वमेवम्।
गुरुर्वै शरण्यम् गुरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
गुरुर्वै शरण्यम् गुरुर्वै शरण्यम्।
गुरुर्वै शरण्यम् गुरुर्वै शरण्यम्।।
एको हि नाथम् एको हि शब्दम्।
गुरुर्वै शरण्यम् गुरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
कान्ताम् न पूर्व वदान्यै वदान्यम्।
को$ह्म् सदान्यै सदाह्म् वदामि।।
न पूर्वम् पतिर्वै पतिर्वै सदा$ह्म्।
गुरुर्वै शरण्यम् गुरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
न प्राणो वदार्वै न देहम् नवा$है।
न नेत्रम न पूर्व सदा$ह्म् वदान्यै।।
तुच्छम् वदाम् पूर्व मदैव तुल्यम्।
गुरुर्वै शरण्यम् गुरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
पूर्वो न पूर्व न ज्ञानम् न तुल्यम्।
न नारी नरम् वै पतिर्वै न पत्न्यम्।।
को कत् कदा कुत्र कदैव तुल्यम्।
गुरुर्वै शरण्यम् गुरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
गुरुर्वै गतान्यम् गुरुर्वै शतान्यम्।
गुरुर्वै वदान्यम् गुरुर्वै कथान्यम्।।
गुरुमेव रुपम् सदा$ह्म् भजामी।
गुरुर्वै शरण्यम् गुरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
आत्र वदाम् अश्रु वदैव रुपम्।
ज्ञानम् वदान्यै परिपूर्ण नित्यम्।।
गुरुर्वै वज्राह्म् गुरुर्वै भजाह्म्।
गुरुर्वै शरण्यम् गुरुर्वै शरण्यम्।।
त्वमेव माता च...........
त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
त्वमेव वन्धुश्च सखा त्वमेव।।
त्वमेव विध्या द्रविणम् त्वमेव।
त्वमेव सर्वम् मम देव देव।।
Jaya Gurudev! Very Nice!
ReplyDeleteListen Nikhil Stawan
Jaya Gurudev!
ReplyDeleteJAI SADGURUDEV....
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